यह लेख उन महिलाओं के लिए है जो जिम जाती हैं, उन युवकों के लिए है जिनकी कोई अपनी जिम जाती है और उन कोच के लिए है जिनके जिम में महिलाएं आती हैं।

किसी भी जिम में झांक कर देख लें, महिलाओं का कोना अलग ही होता है। आमतौर वो ट्रेड मिल, क्रॉस ट्रेनर, साइकलिंग, डंबल साइड बेंड, क्रंचेस और बहुत हुआ तो बटरफ्लाई जैसी कसरतें करती दिखेंगी। अगर महिलाएं पुरुषों वाली कसरतें करती हैं तो भी छोटे छोटे डंबलों से, जिसमें वो ढेर सारे रैप निकालती हैं। कसरत करने का यह तरीका अब बेहद पुराना और घिस गया है, इस तरह की कसरत रोटी बनाने और खाना परोसने जैसी ही है। इनके बूते नतीजे पाना मुमकिन नहीं है।

निकाल दें अपने दिमाग से ये बात कि अगर महिलाएं पुरुषों जैसे कसरत करेंगी तो उनके डोले बन जाएंगे, उनके मसल्स दिखने लगेंगे और उनका लड़कियों वाला लुक खत्म हो जाएगा। वैसी बॉडी केवल एडवासं लेवल की ट्रेनिग करने वाली महिलाओं को ही मिल पाती है।

अच्छी फिगर पाने के लिए महिलाओं के लिए प्रॉपर वेट ट्रेनिंग बेहद जरूरी है। हर कसरत करें चाहे वो बेंच प्रेस हो या फिर डेड लिफ्ट या फिर चिन अप या पुल अप उसे पूरी ताकत से करें। जरूरी नहीं कि आप 25 रैप निकालें। कभी कभी चार रैप से भी बात बन जाती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना आपके लिए भी उतना ही जरूरी है जितना किसी बॉडी बिल्डर के लिए। अपनी ताकत को आजमाएं और उसे लगातार बढ़ाएं भी। वेट उठाने से महिलाओं के शरीर में टाइटनेस बढ़ती है और उनकी फिगर अच्छी होती है।

यह सब बातें गलत हैं कि महिलाओं को अलग ढंग से ट्रेनिंग करनी चाहिए या फिर वेट ट्रेनिंग करने से उनके महिला होने के गुण कम हो जाएंगे। अगर कोई महिला ठीक वैसी ही कसरत करे जैसे कोई पुरुष कर रहा है तो भी उसके मसल्स पुरुष जैसे नहीं बनेंगे क्योंकि इतनी एक्सरसाइज के बाद भी महिलाओं में टेस्टोसटेरोन का लेवल बहुत नहीं बढ़ पाता। दूसरी बात महिलाओं और पुरुषों की बॉडी का रिएक्शन अलग अलग होता है।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से तन और मन मजबूत बनते हैं। बॉडी का पोस्चर ठीक होता है, ब्लड फ्लो दुरुस्त होता है और इमोशन से डील करने की कैपेसिटी भी बढ़ती है। आज की महिलाओं पर अलग तरह की जिम्मेदारियां हैं। जब वो पुरुषों की तरह हर काम कर रही हैं तो उन्हें उस हिसाब से मजबूत भी होना पड़ेगा। महिलाओं को भी अपनी कसरत बदलनी चाहिए। मान लें आप रोज एक बार में 200 बार रस्सा कूद लेती हैं तो इसी के बीच में अब पुश अप्स को जोड़ दें।

कुल मिलाकर हम यह बताना चाहते हैं जिम करने के सभी नियम सब पर समान रूप से लागू होते हैं चाहे वो लड़का हो या लड़की। जब हर जगह बराबरी हो गई है तो जिम को क्यूं अलग रखें। आप भी अपना शेड्यूल तैयार करें। एक्सरासइज की गिनती और रैप रेंज तय करें। हर दिन एक बॉडी पार्ट करें। किसी किसी दिन खूब हैवी वेट से कसरत करें और किसी किसी दिन बिल्कुल लाइट वेट से एक्सरसाइज करें। कसरत से 40 मिनट पहले कुछ खाकर आएं जैसे आलू- दही या केला। आप भी प्री वर्कआउट सप्लीमेंट ले सकती हैं। कलाइयों पर रिस्ट बैंड का इस्तेमाल करें और जिम में हमेशा स्पोर्ट्स शूज पहनकर जाएं।

स्रोत: http://www.bodylab.in/