शरीर को गठीला बनाने की प्रक्रिया का अत्याधिक सुखद या दुखदायी होना आप पर निर्भर करता है. यह एक बहुत ही बेबाक राय है जिससे प्रत्येक गंभीर बॉडी बिल्डर(शारीरिक सौष्ठव बनाने वाले) अपने आपको सम्बंधित कर सकता है. सुखद या दुखदायी होने से मेरा वास्तविक तात्पर्य यह है कि हम या तो एक बॉडी बिल्डर के रूप में जीवन के हर क्षण का आनंद ले सकते है अथवा हम व्यर्थ के प्रशिक्षण द्वारा स्वयं पर अत्याधिक दबाव डालकर, दवाओ के उपयोग के अधीन होकर, स्वकेंद्रित एवं स्वार्थी बनकर रह जाते है.

जीवन केवल पेशियाँ, स्पंदन तथा कसावट बनाने से अधिक है. जो बॉडी बिल्डर सही राह पर, उचित लक्ष्य, प्रशिक्षण तथा आहार के साथ प्रारंभ करते है, वे खेल में सफल होते है, इस बात का कोई प्रभाव नही पड़ता के वे कितने सुदृढ है. सफलता एक यात्रा है, मंजिल नही है, इसलिए हमें नित्य जीवन में संतुलित रहते हुए, दुसरो की तरह बनने के लिए उनका अनुसरण करे बिना, अपने शरीर के प्रति जागरूक रहकर अभ्यास करना चाहिए.

एक वास्तविक बॉडी बिल्डर को अत्याधिक विशाल काय बनाने का विचार छोड़ देना चाहिए. क्योंकि यह मूलतः दवाओ के लिए प्रेरित करने वाली प्रवृत्ति है. हजारों में से केवल एक व्यक्ति साल दर साल “स्वाभाविक” पेशियों को पौंड में बढ़ा पाते है, लेकिन इस प्रकार के लोग को भी इस वास्तविकता का सामना करना पड़ता है कि पुराने तरीको से वे बिना चर्बी वाली शुद्ध पेशियों (शारीरिक भार नही) के कुल 10 से 20 पौंड ही प्राप्त किये जा सकते है. अन्य शब्दों में हमे 160 पौंड से शुरुवात करके 230  पौंड प्राप्त कर उसमे से 10 पौंड घटाकर कसावट लाने का विचार अपने दिमाग से हमेशा के लिए निकाल देना चाहिए. हम स्वाभाविक रूप से शारीरिक सौष्ठव प्राप्त करने वालो को बने रहने के लिए बहुत यथार्थवादी होना पड़ता है. उचित लक्ष्य रखने के बावजूद स्वाभाविक बॉडी बिल्डर को साल दर साल ठोस पेशियाँ बढ़ाने के लिए कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसे दवाइयों के बिना प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम, संयम और दृढ निश्चय की आवश्यकता होती है.

स्वाभाविक बॉडी बिल्डर के लिए आकार की समर्थता को निश्चित करने वाले चार घटक अनुवांशिकी, आहार, प्रशिक्षण कार्यक्रम, पूरकं खुराक है. निंद्रा, धूप, सामान्य स्वास्थ्य, मानसिक प्रवृत्ति, इनका भी प्रभाव पड़ता है, परन्तु यह प्राथमिक घटक नही है. 

अनुवांशिकी सबसे पहले आता है क्योंकि यह वास्तविक रूप से आपके आकार, कटाव तथा संरचना  के अन्वेषण के लिए अकेला सबसे बड़ा निर्धारक घटक है.  किसी व्यक्ति ने यदि एक बार भी व्यायामशाला में प्रशिक्षण प्राप्त किया हो तो वो आसानी से समझ सकता है कि ”अच्छी अनुवांशिकी” से मेरा वास्तविक अभिप्राय क्या है. हम इसे लोगो को देखते है जो कि बेतरतीब ढंग से वजन बढ़ाते है, अस्वास्थ्यकर भोजन खाते है, जमकर जश्न मानते है, बहुत कम सोते है और फिर भी बहुत प्रभावी दिखाई देते है. (वे स्वयं में कितना भी बुरा महसूस करे पर बहुत अच्छे दिखाई पड़ते है). मैंने व्यायामशाला में ऐसे लोग देखे है जो कि स्वाभाविक रूप से विशाल शरीर वाले है तथा एकदम तैयार होते है परन्तु व्यवहारिकता में वे पिज़्ज़ा, चोकलेट पेय जैसे अन्य अपौष्ठिक भोज्य पदार्थ खाते है तथा उनका शरीर दवाइयों से सुडौल नही बनाता है. मै हर प्रकार से यथार्थ बात कह रहा हूँ.

इन उदाहरणों के द्वारा एक साधारण अनुवांशिकी वाला सामान्य बॉडी बिल्डर यह सोच सकता है कि हम छः एकदम सही अंतराल वाले भोजन खाकर, आदर्श रूप से विखंडित प्रशिक्षण लेकर, अच्छे पेय पदार्थ पीकर, तथा उपलब्ध प्रत्येक प्राकृतिक उपचय पूरक लेकर भी इन लोगो की तुलना नही कर पाते है. यदि आपका निश्चय दृढ नही है तो यह सब आपको उद्देश्य से भटकाकर अस्वास्थ्यकर भोजन लेने पर विवश कर देगा. सही लक्ष्य तथा प्रवृत्ति ही हमे इन दृश्य बेवकूफियों के पार ले जाकर असलियत में अपने आप में विजेता बना सकते है.

इस लेख का उद्देश्य शारीरिक सौष्ठव के लिए एक नया पौष्टिक दृष्टिकोण बनाना है. जिसका अनुसरण करने से आपको निरंतर प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों में वृद्धि मिलेगी. व्यायामशाला में दवाओ के व्यसनी लोगो के साथ रहकर अपने और अपने लक्ष्य के बारे में सकारात्मक सोच बनाये रखना अत्यन्त कठिन है. यह आपकी सच्चाई और आत्म शांति को सही रास्ते पर बनाये रखता है. कोकीन, शराब और अन्य प्रकार की दवाओ से दूर रहना धैर्य का काम है तथा लम्बे समय में आपको विजेता बनाता है.

अब मुख्य विषय पर चर्चा करते है. मै आपको बताता हूँ कि आप किस प्रकार अपने दुबले शरीर को ज्यादा हृष्ट-पुष्ट शरीर में परिवर्तित कर सकते है जो कि लम्बे समय तक स्वस्थ रहे. मेरी अपनी व्ययामशाला में एक जवान लड़के के साथ चर्चा हुए जो कि सुडौल आकार प्राप्त करने का राज जानना चाहता था. मैंने प्रतिउत्तर दिया, ”धैर्य रखो, सावधान तथा एकाग्र बने रहो. इस विषय में जो भी जानते हो भूल जाओ तथा रोज़ व्यायामशाला में तरो-ताज़ा दिमाग से आओ, सीखने की चेष्ठा रखो.” एक सफल वास्तविक बॉडी बिल्डर बनाने की प्रथम कुंजी यह है कि आप अपने बॉडी बिल्डर बनाने के कारण के तारतम्य में रहे. इससे मेरा तात्पर्य है कि अपने आप से पूछिए कि आप कसरत क्यों कर रहे है तथा ईमानदार बने रहिये. यदि आप अधिक मांसल शरीर अधिक लडकियों को आकर्षित करने, सख्त बनने, ट्रोफी जीतने तथा लोगो के द्वारा खुदको पसंद किये जाने के लिए चाहते है तो आप सिर्फ अपने अहं को सिद्ध कर रहे है. दूसरी ओर, यदि आप यह कहते है कि आप अपने स्वास्थ्य और लुक को सुधारकर अच्छा महसूस करना चाहते तो आप अभी से बेहतर जीवन प्राप्त कर सकते है.

यदि एक बार आपका प्रशिक्षण का लक्ष्य निश्चित हो जाता है तो आप वास्तविक प्रशिक्षण, आहार तथा पूरक कार्यक्रम के लिए तैयार हो जाते है,

वास्तविक प्रशिक्षण

कसरत एक समान तथा तीव्र होना चाहिए. साथ ही हर छः से आठ हफ्तों के बाद व्यायाम से 5 से 10 दिनों की छुट्टी, अति-प्रशिक्षण से बचने के लिए, नियमित रूप से ले लेना चाहिए. साथ ही साथ किसी एक दिन के व्यायाम में अधिक आवृत्तियों से अपने शरीर का अत्यधिक थका देना भी उचित नही है. प्रत्येक शरीर के अंग की 15 से 20 आवृत्तियाँ औषधीय कद-काठी के लिए छोड़ दीजिये. यदि आप नियमित रूप से वृद्धि चाहते है तथा चोट से बचना चाहते है तो उसके लिए सामान्य ज्ञान की आवश्यकता होती है. यदि आपका शरीर आज्ञा दे तो कठिन प्रशिक्षण कीजिये लेकिन साथ ही साथ जब वह आराम के लिये ईशारा दे तो उसका भी पालन कीजिये. एवं यदा कदा अभ्यास छूटने पर चिंतित नही होवें. एक दिन में आपकी हवा नही निकलेगी. यदपि हो सकता है कि थोड़े आराम से आप थोडा अधिक वृद्धि प्राप्त कर ले.

मैंने अधिकांश स्वाभाविक बॉडी बिल्डरों में एक समान गलती देखी है जिसे मै अधिक परिलक्षण कहता हूँ, अधिक वजन, अधिक आवृत्ति, अधिक अभ्यास, अधिक प्रशिक्षण दिवस, अधिक तीव्रता आदि. यह प्रवृत्ति केवल “विस्फोटक दुर्घटना” की ओर ले जा सकती है, जो की लम्बे समय के लिए शारीरिक अक्रियाशीलता में परिवर्तित हो सकती है. मै यह इसलिए कह सकता हूँ क्योंकि यह मेरे साथ हो चुका है.

एक सबसे बड़ा रहस्य जो कि मै आपके साथ बाँट सकता हूँ वह यह है कि आप प्रतिदिन इस प्रकार अभ्यास करे जैसा की आप सारी जिन्दगी कर सकते हो. अपने आप से पूछिए कि मै जिस प्रकार का भोजन तथा व्यायाम अभी कर रहा हूँ वैसा 60 वर्ष की उम्र में भी कर पाऊंगा, यदि उत्तर ना है तो आपको अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम को जांचने की आवश्यकता है.

यहाँ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम उल्लेखित है जो मै अपने दुरुस्ती चाहने वाले ग्राहकों पर लागू करता हूँ.  मै वक्तिगत रूप से इसे इसलिए लागू करता हूँ क्योंकि यह माह दर माह, साल दर साल आकार में उत्तरोत्तर वृद्धि में प्रभावी है. यह चार दिनों में विभाजित है, तथा आप हर अभ्यास लगभग 1 घंटा 15 मिनिट में पूरा कर सकते है, जिसमे एरोबिक प्रशिक्षण भी शामिल है. अधिकांश आधारभूत व्यायाम है तथा यदि आवश्यक हो तो सहायक की मदद द्वारा भी किये जा सकते है. आप केवल अंतिम आवृत्ति में असफल हो सकते है. निम्न प्रशिक्षण क्रम का उपयोग करे: पहला दिन, दूसरा दिन, एक दिन छुट्टी, पहला दिन, दूसरा दिन, दो दिन छुट्टी. 

अपने आपको हर व्यायाम कार्यक्रम के अनुसार पाबन्द कीजिये तथा उसे 1 घंटा 15 मिनिट के अन्दर समाप्त कीजिये, अतिरिक्त समय आवृत्तियो के बीच लगभग 1 मिनिट तथा शरीर के विभिन्न अंगो के बीच लगभग 3 मिनिट लग सकता है. स्पंदन का उपयोग कीजिये जिससे आप मांसपेशियों के सही कार्य करने के प्रति आश्वस्त हो सके. बिना स्पंदन के वृद्धि संभव नही हो सकती है.

पहला दिन: सीना, पीठ, कंधे, कमर, पिण्डलियाँ

15 मिनिट रुकी हुए बाइक पर, ट्रेडमील को आपकी वायवयी क्षमता का 75% रखकर.

सीना

  • दंड
  • झुकी हुए बेंच दबाव
  • रस्सी कूदना
  • पीठ

  • लेट पुलडाउन (आगे)
  • लेट पुलडाउन (पीछे)
  • एक हाथ से डम्बल रॉ
  • बैठकर क्लोज-ग्रिप पुल्ली रॉ
  • अतिविस्तारण

कमर

  • क्रंच

पिण्डली

  • बैठकर पिण्डली उठाव

10 मिनिट तक करना है.

दूसरा दिन: भुजाएं, पैर तथा कमर

15 मिनिट तक, जैसा कि ऊपर बताया गया है

बाइसेप्स

  • बैठकर डम्बल कर्ल
  • प्रीचर कर्ल
  • पीछे की पकड द्वारा इजेड कर्ल

ट्राईसेप्स

  • वी-बार पुश डाउन
  • फ्रेंच प्रेसेस
  • क्लोज-ग्रिप बेंच प्रेसेस
  • रिवर्स ग्रिप पुशडाउन

अग्र बाहु

  • कलाई का घुमाव

पैर

  • नॉन-लॉक स्कवेट्स
  • हैक स्कवेट्स
  • पैरों का घुमाव
  • पैरों का विस्तारण

पिण्डली

  • खड़े होकर पिण्डली उठाव

कमर

  • नी-अप्स

10 मिनिट तक करना है.