गेनिंग या बल्किंग कर रहे बॉडी बिल्डर नारियत के तेल (coconut oil) का बेधड़क इसका इस्तेमाल करें। यह एक सुपरफूड से कम नहीं है। 30 की उम्र से ऊपर के कसरती युवक नारियल तेल के इस्तेमाल से खास फायदे हासिल कर सकते हैं। सबसे अच्छा तरीका है प्री वर्कआउट शेक में इसे डालें।

हां ये बात सही है कि नारियल का तेल सेचुरेटेड फैट है। हम जानते हैं आपने ढेर सारी हिदायतें पढ़ी होंगी कि सेचुरेडेट फैट से क्या क्या नुकसान होते हैं। मगर नारियल तेल के साथ ऐसा नहीं है। ये एक हेल्दी फूड है और हर बॉडी बिल्डर की डाइट का हिस्सा होना चाहिए। जो वेट लॉस या लीन मस्लस की तैयारी में हैं वो वर्जिन कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Nariyal ke tel ke teen fayde नरियल के तेल teen के फायदे

1 परफार्मेंस सुधारता है

अगर आप प्री वर्कआउट शेक में इसका इस्तेमाल करेंगे तो यह परफॉर्मेंस सुधारने में मदद करेगा। नारियल तेल से मिलने वाली सारी कैलोरी उसके फैट से आती है। मगर यकीन मानें बॉडी बिल्डिंग के लिए फैट भी बहुत जरूरी है। क्योंकि फैट विटामिन्स को सोखता है, आपके अंदरूनी अंगों को बचाता है और कई तरह के हार्मोंस पैदा करने के अलावा आपकी बॉडी के तापमान को नॉर्मल बनाए रखता है।

एक चम्मच में करीब 13 ग्राम तेल आता है। एक ग्राम में करीब 9 कैलोरी होती है। इस हिसाब से महज एक चम्मच नारियल तेल से आपको करीब 120 कैलोरी मिल जाएगी। जो लोग गेनिंग कर रहे हैं वो आराम से दो तीन चार चम्मच तक डाल सकते हैं। आपकी डाइट आपके बॉडी वेट पर भी डिपेंड करती है।

2 टेस्टोसटेरोन लेवल बढ़ाता है

आप जानते हैं कि टेस्टोसटेरोन वो हार्मोन है, जिसके बिना मसल्स की ग्रोथ नहीं हो सकती। इसे मर्दाना हार्मोन कहते हैं, जिसका प्रोडक्शन उम्र के साथ कुछ कम हो जाता है। नारियल का तेल ऐसे एंजाइम्स की एक्टीविटी को बढ़ा देता है, जिनसे टेस्टोसटेरोन बनता है। 20 साल की उम्र के आसपास इसका प्रोडक्शन खूब होता है मगर 30 के बाद बॉडी में इसका प्रोडक्शन गिर जाता है। इसलिए 30 से ऊपर के ऐसे लोग जो कसरत करते हैं वो नारियल तेल का जरूर इस्तेमाल करें उन्हें यकीनन फायदा पहुंचेगा। हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि सबसे अच्‍छा तरीका यही होगा कि आप प्री र्वकआउट शेक में इसे मिला लें। शेक में नहीं मिलाना चाहते तो कोई नहीं जिस तरह से मुमकिन हो इस्‍तेमाल करें।

3 ऐसा फैट जो फैट बर्न करता है

एक वक्त था जब नारियल के तेल को लेकर कई रिसर्च हुईं। ज्यादातर में कहा गया कि इसमें सेचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए इसलिए इसका इस्तेमाल कम से कम किया जाए। मगर हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो सभी रिसर्च हाइड्रोजिनेटेड रिफाइंड तेल को लेकर हुई हैं।

आज एक्सट्रा वर्जिन नारियल तेल न्यूट्रीशन की दुनिया में एक बड़ा हीरो बनकर उभरा है। वर्जिन कोकोनट ऑयल आम नारियल तेल से न केवल अलग है बल्कि काबिलेतारीफ भी है।
पुरानी रिसर्च में इसके इस्तेमाल के प्रति क्यूं चेताया गया था इसकी वजह आप जान लें। हमारी बॉडी फैट को उस तरह से इस्तेमाल नहीं करती जिस तरह से प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को करती है। हमारी बॉडी फैट को पहले फैटी एसिड में बदलती है। इनसे लीपोप्रोटीन्स का निर्माण होता है और तब उनसे एनर्जी मिलती है। इस प्रोसेस में फैट का कुछ हिस्सा बॉडी में जमा भी हो जाता है। मगर वर्जिन कोकोनट ऑयल में मिडियम चेन फैटी एसिड होता है।

नारियल के तेल के कई फायदे हैं। ज्यादा विज्ञान में जाए बगैर आप इतना समझ सकते हैं कि बॉडी इसका इस्तेमाल फैट की तरह नहीं बल्कि प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट की तरह करती है। ये सीधी लीवर में जाता है और तुरंत एनर्जी में बदल जाता है। इसका शरीर में इधर उधर घूमने और जम जाने का चांस नहीं है। इसलिए जो लोग फैट लॉस या लीन मसल्स की राह में हैं वो एक्स्ट्रा वर्जिन या वर्जिन कोकोनट ऑयल (extra virgin coconut oil) का इस्तेमाल बेधड़क कर सकते हैं। क्योंकि ये वो फैट है जो फैट बर्न करता है।

स्रोत: http://www.bodylab.in/