हर किसी को बाइसेप्स चाहिए क्योंकि वही तो दिखता है, 15 से 17 इंच का बाइसेप्स जिम जाने वाले शख्स की निशानी होता है। आप टी शर्ट पहलें या शर्ट, अगर डोले हैं तो खुद दिख जाएंगे। और आपका दिल जानता है कि बाइसेप्स तो चीज ही दिखाने वाली होती है। जिम जाने वाले हर शख्स की कोशिश होती है कि उसका आर्म का साइज इतना हो जाए कि वह शान से टी शर्ट पहन सके। इतना साइज हासिल करना बहुत आसान भी नहीं होता बहुत मुशिकल भी। मेहनत, विज्ञान और हां थोडे रुपयों की बदौलत हम बाइसेप्स बना सकते हैं।

इस लेख में

  1. बाइसेप्स के मसल्स को समझें
  2. बाइसेप्स की बेसिक कसरतें
  3. बाइसेप्स की कसरतें जो सबसे ज्यादा जरूरी हैं
  4. कसरत करने का तरीका क्या हो
  5. इस तरह से नहीं बढ़ेगा बाइसेप्स
  6. बाइसेप्स बनाने के लिए कैसी हो डाइट

1 बाइसेप्स के मसल्स को समझें – सबसे पहले तो आप बाइसेप्स के मसल्स को समझ लें। हमारे पूरे डोले का करीब 30 फीसदी हिस्सा बाइसेप्स होता है। इसके भी मोटे तौर पर दो हिस्से होते हैं। एक Biceps Brachii और उसके नीचे Brachialis जब इन दोनों हिस्सों का विकास होता है तो बाइसेप्स उर्फ डोले बनते हैं।

2 बाइसेप्स की बेसिक कसरतें – वैसे तो बाइसेप्स की पचासों कसरते हैं पर उनमें से चंद ऐसी है, जिन्हे सबसे जरूरी कहा जाता है। इन कसरतों के बिना अच्छा बाइसेप्स बनाना मुमिकन नहीं है। बेसिक कसरतों में आती हैं बाइसेप्स बारबेल कर्ल, इंक्लाइन बाइसेप्स कर्ल, डंबल कर्ल, प्रीचर, हैमर कर्ल, स्पाइडर कर्ल, स्टैंडिंग बाइसेप्स केबल कर्ल, कंसन्ट्रेशन कर्ल और ओवर हैड केबल कर्ल, क्लोज ग्रिप चिन अप। बाइसेप्स की और भी कई कसरते हैं जिनमें से कुछ रिवर्स ग्रिप के साथ की जाती हैं।

3 बाइसेप्स की कसरतें जो सबसे ज्यादा जरूरी हैं –

A बारबेल कर्ल – इसकी बेसिक कसरत में कंधों की चौड़ाई पर रॉड को पकड़ कर कर्ल करते हैं। यह साइज, शेप और स्ट्रेंथ तीनों की एक्सरसाइज है। इस कसरत को आप शोल्डर रॉड, छह फुट वाली रॉड, ई जेड बार या छोटी रॉड के साथ कर सकते हैं। हमारी सलाह है कि रॉड बदलते रहें। इसमें भी क्लोज ग्रिप, वाइड ग्रिप और नॉर्मल ग्रिप के साथ यह कसरत की जाती है। यहां हमारी सलाह है कि ग्रिप भी बदलते रहें। कब कब ग्रिप बदलें इसका कोई नियम नहीं है। बस इतना है कि ग्रिप बदलते रहें। बारबेल कर्ल करने का सही तरीका जानें।
बारबेल में 7 – 7 -7 को जरूर आजमाया करें, यह कसरत शोल्डर रॉड यानी करीब साढ़े चार या पांच फुट वाली रॉड से की जाती है। इसमें सबसे पहले वाइड ग्रिप से सात रैप निकालते हैं फिर नॉर्मन ग्रिप पर और फिर क्लोज ग्रिप पर। इस तरह से एक सेट में कुल 21 रैप निकल जाते हैं। इस तरह से कुल तीन सेट लगाए जाते हैं।

B इंक्लाइन डंबल कर्ल – बाइसेप्स का साइज बढ़ाने वाली कसरत है यह। चाहे डबल हैंड करें सा सिंगल हैंड करें मगर अपने शेड्यूल में इसे शामिल किया करें। अगर आप साइज बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं तो इस कसरत में रैप कि गिनती आमतौर पर ज्यादा से ज्यादा 12 रखा करें। इसके अलावा इस एक्सरासज को दूसरे या तीसरे नंबर पर किया करें। कैसे करें सही ढंग से इंक्लाइन डंबल कर्ल।

C डंबल बाइसेप्स कर्ल – वो कसरत है, जिसमें बाइसेप्स के सबसे ज्यादा मसल्स इनवॉल्व होते हैं। यह साइज और शेप दोनों की कसरत है। यह सबसे पॉपुलर भी है। बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि इस कसरत में सारा मूवमेंट कंट्रोल में रहे। डंबल को झूले की नहीं झुलाना है और न ही खुद बहुत आगे पीछे होना है। सही ढंग से करेंगे तो यह अच्‍छा काम करेगी।

प्रीचर कर्ल – यह कसरत भी साइज और शेप दोनों बनाती है और बहुत जरूरी कसरतों में है। यह एक्सरसाइज बाइसेप्स में पंप लाती है। इसे आमतौर पर शुरू में नहीं किया जाता। अगर शुरू में कर लेंगे तो बाकी एक्सरासइज करने में दिक्कत होगी। इससे हाथ भर जाते हैं। इनके अलावा जो कसरतें हैं उन्हें अपने हिसाब से करते रहें।
एक बात और, क्लोज ग्रिप चिन अप और हैमर कर्ल खासतौर पर भीतरी बाइसेप्स Brachialis पर काम करती हैं।

4 कसरत करने का तरीका क्या हो – अगर आप साइज के लिए कसरत कर रहे हैं तो बाइसेप्स की एक्सरसाइजों में रैप की गिनती 6 से 12 तक रखें। एक बार बाइसेप्स की कसरत कर ली तो फिर कम से चार दिन तक दोबारा उसकी कसरत न करें। यह कम से कम है। वैसे तो सप्ताह में केवल एक बार ही बाइसेप्स की कसरत काफी होती है। बाइसेप्स के अगले दिन अपर बॉडी की हैवी कसरत न करें या फिर रेस्ट रखें। अगर आप शुरुआती लेवल पर हैं तो तीन, मिडिल पर हैं तो चार एक्सरसाइज से ज्यादा न करें। एडवांस लेवल वालों के लिए यह लेख नहीं है।

5 इस तरह से नहीं बढ़ेगा बाइसेप्स -अगर आप बाइसेप्स के पीछे पड़ गए तो यह ग्रो नहीं कर पाएगा। इस पार्ट को बार बार छेड़ना बंद कर दें। कसरत करें और भूल जाएं। बाइसेप्स न बनने का सबसे बड़ा कारण होता है ओवर एक्सरसाइज। ऊपर हमने बता ही दिया है कि कितनी कसरत ठीक है। बाइसेप्‍स का साइज न बढ़ने की 4 वजह हैं, जिनको जान लेंगे तो ठीक रहेगा।

एक बात यह भी समझ लें कि हम जो भी कसरत करते हैं उनमें हमारे बाइसेप्स और ट्राइसेप्स का वैसे भी इस्तेमाल होता है। इसलिए हमें इन मसल्स को ओवर ट्रेनिंग से बचाना ही होगा। बार बार बाइसेप्स को पंप करना छोड़ दें। इससे अच्छा तो लगता है मगर मसल्स की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है। होता क्या है कि जब हम बाइसेप्स की दो एक्सरसाइज कर लेते हैं तो बाइसेप्स में हमें पंप महसूस होने लगता है फिर हम जोश जोश में इसके कई सेट लगाते चले जाते हैं। कई बार दूसरों की देख देखी ज्यादा से ज्यादा कसरतें करने लगते हैं। मगर यह गलत है। खुद को रोकना सीखें। जो भी तीन या चार एक्सरसाइज आप करें उनकी फॉर्म इतनी बेहतरीन रखें कि बाइसेप्स में से आग निकलने लग जाए, मगर हां एक बात का ध्यान रखें कि हर सेट में फेल होना जरूरी नहीं है।

6 बाइसेप्स बनाने के लिए कैसी हो डाइट – अपने वजन के प्रतिकिलो पर दो ग्राम से ज्यादा प्रोटीन आपको लेना होगा। आपकी डाइट में करीब चार चम्मच ऑयल या नारीयल का तेल या सरसों का तेल भी होना चाहिए। ऑलिव ऑयल नहीं लेना चाहते तो मूंगफली या बादाम लें। इनमें अच्छा वाला फैट होता है।

स्रोत: http://www.bodylab.in/