हर उम्र के स्त्री और पुरुष इस आसन को कर सकते हैं। यह देखने में सरल लगता है मगर इतना सरल है नहीं हालांकि नियमित अभ्यास से सब इसे कर लेते हैं। रीढ़ की हड्डी लचीली बनाने और मोटापा दूर करने में मदद करने के अलावा हलासन में एक खास बात ये है कि तन को सुंदर बनाने के साथ उसकी बदबू को भी दूर करता है। हालांकि नहाएंगे नहीं तो कोई आसन आपकी बदबू दूर नहीं कर पाएगा, और तब तो डियो भी काम नहीं करता। बहरहाल कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनके शरीर से कुछ ज्यादा ही महक उठती है ऐसे लोग इस आसन से लाभ उठा सकते हैं।
हलासन करने का सही तरीका
जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और हाथों ऐसे रखें कि आपकी हथेलियां जमीन पर हों। अब अपने पैरों को उठाएं और धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं। पैरों को पीछे ले जाकर अंगूठा जमीन से छुआ दें। आप घुटनों को नाक से लगाने का प्रयास न करें। अब कोशिश करें कि आपकी कमर सीधी हो जाए। तस्वीर में जो लड़की हलासन कर रही है उसकी फॉर्म करीब करीब पूरी तरह से सही है मगर कमर को पूरी तरह से सीधा करने के लिए आपको लंबा अभ्यास करना होगा।
कुछ देर इसी तरह टिके रहने की कोशिश करें फिर वापस पहले वाली पोजीशन में लौट आएं। आसन के दौरान सांस को सामान्य गति से चलने दें।
ध्यान रखें : दिल के रोगी, हाई बीपी और लो बीपी के मरीजों को ये आसन नहीं करना चाहिए। इसे कभी भी झटके के साथ नहीं करें। पहले अपने पैर बस 30 डिग्री तक उठायें और वापस ले जायें। फिर पैरों को 90 डिग्री तक उठायें और वापस ले जायें। तीसरी बार में पैरों को पूरी तरह से पीछे ले जायें।
हलासन के लाभ
- इस आसन से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त होता है, जिसकी बदौलत त्वचा संबंधित रोग ठीक होते हैं। यही वजह है कि इसे करने से बॉडी से आने वाली बदबू कम हो जाती है।
- पेट के फैट को कम करता है, कमर की सख्ती को कम करता है और पेशाब से जुड़े रोग दूर हो जाते हैं।
- चेहरे का तेज बढ़ता है और आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करता है।
- दमा के रोगियों को हलासन का अभ्यास करना चाहिए।
- गुदा रोगों से छुटकारा मिलता है।
स्रोत: http://www.bodylab.in/