बैक लैट पुल डाउन कैसे करें; 7 टिप्‍स

बैक लैट पुल डाउन बैक की उन कसरतों में शामिल होती है जो खास तौर पर पीठ को शेप देती हैं। पीठ की शेप से मतलब है बीच की गहरी लाइन और वो कट्स जो टी शर्ट से भी नजर आते हैं। बैक लैट पुल डाउनल के अलावा बस रिवर्स पुल अप ही है, जिसे करने से पीठ पर दिल की शेप बनती है।

ऐसा करेंगे तो पीठ पर दिल बन जाएगा

इस कसरत में मदद लेना हमेशा फायदेमंद होता है। आप जब अपनी वेट कैपेसिटी के 80 फीसदी पर पहुंचे तब से ही मदद लेना शरू कर दें। मान लें आप इस एक्सरसाइज में अधिकतम 80 किलो वेट खींच लेते हैं तो जब आप 60 किलो वेट लगाएं तभी से हेल्प लेना शुरू कर दें। जब रॉड पीठ पर आएगी तो आपके मसल्स पूरी तरह से सिकुड़ने चाहिए। यहां एक सेकेंड को रुकना भी है।

जब मदद लें तो अपने साथी से कहें कि वो उस प्वाइंट से मदद देना शुरू करे जब रॉड गर्दन तक आ जाए। यहां अपने साथी की मदद से पीठ के मसल्स को पूरी तरह से सिकोड़ें, जरा सा रुकें और फिर पूरे कंट्रोल के साथ वेट को छोड् दें। ध्यान दें कि वेट छोड़ते वक्त आपके साथी का हाथ रॉड पर बिल्कुल न हो। चित्र को देखें इस कसरत से पीठ के बीचों बीच दिल की शेप बन जाती है, मगर वो तभी होता है जब हर रैप को आखिर तक सही ढंग से करें।

कैसे सही ढंग से करें बैक लैट पुल डाउन

  1. यह कसरत ज्यादा मुशिकल नहीं है, मगर इसमें फ्रंट लैट पुल डाउन के मुकाबले थोड़ी ज्यादा ताकत लगती है।
  2. पुल डाउन मशीन की तरफ चेहरा करके बैठ जाएं। पैर फंसा लें।
  3. पुल डाउन रॉड को जितना हो सके उतना बाहर से पकड़ें, आमतौर पर इसमें क्‍लोज ग्रिप नहीं लगाई जाती।
  4. वाजिब वेट लगा लें और सांस छोड्ते हुए वेट अपनी पीठ की ओर लाएं। ज्‍यादातर लोग इसे बस गर्दन तक लाते हैं फिर वेट को ऊपर जाने देते हैं ये इसकी सही फॉर्म नहीं है इसे वहां तक लाने की कोशिश करें जहां से पीठ में गड्ढ़ा बनता है।
  5. जब रॉड पूरी तरह से नीचे आ आए तो यहां अपनी पीठ के मसल्स को पूरी तरह से सिकोड़ कर एक या आधा सेकेंड को रुकें।
  6. सांस भरते हुए वेट को वापस ऊपर जाने दें, ध्यान रखें यहां आपका कंट्रोल रॉड पर बरकरार रहना चाहिए। इस कसरत में आप वेट को तेजी से खींच सकते हैं मगर तेजी से छोड्ना नहीं है।
  7. इस कसरत का सारा सुख रॉड के पीठ से टच होने से शुरू होकर पूरे कंट्रोल में रखते हुए रॉड को ऊपर तक ले जाने में है। उससे पहले की मूवमेंट तो बस ताकत लगाने की परीक्षा जैसी है।

स्रोत: http://www.bodylab.in/

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