वन हैंड डंबल ट्राइसेप्‍स की 2 गलतियां सुधारें और 1 नया तरीका सीखें

ट्राइसेप्‍स की स्‍ट्रेंथ और शेप को बनाने वाली कसरत है वन हैंड डंबल ट्राइसेप्‍स एक्‍सटेंशन। ट्राइसेप्‍स की टॉप 10 कसरतों में शुमार होती है। यह मिडिल लेवल की एक्‍सरसाइज है। इसका मतलब ये है कि यह बेसिक से आगे मगर एडवांस लेवल की ट्रेनिंग से नीचे की कसरत है।

इसे करने के दो तरीके हैं एक जो आमतौर पर सभी कसरते हैं और दूसरी वो जो हम आपको आज बताएंगे। इसे कम ही लोग जानते हैं और कम ही लोग करते हैं। पहले हम इस कसरत को करने के सही तरीके और आमतौर पर की जाने वाली दो गलतियों के बारे में बात करेंगे उसके बाद नए वैरिएशन की बात करेंगे।

कैसे करें सिंगल हैंड डंबल ट्राइसेप्‍स एक्‍सटेंशन

  1. वाजिब वेट का डंबल लें और चाहें तो बेंच पर बैठ जाएं। इससे आपकी कमर पर कम असर पड़ेगा।
  2. डंबल की ग्रिप सामान्‍य रहेगी जैसी डंबल कर्ल करते वक्‍त होती है।
  3. जिस हाथ से कर्ल कर रहे हैं उसे बॉडी से ज्‍यादा दूर न लें जाएं। बस इतना ध्‍यान रखें कि आपका बाइसेप्‍स साइड की ओर से हल्‍का सा कान को छू रहा होगा। ऐसा होता रहेगा तो आपके बाजू बॉडी से ज्‍यादा दूर नहीं जाएंगे।
  4. सांस लेते हुए डंबल नीचे ले जाएं। डंबल नीचे जाने के बाद आपकी पीठ को हल्‍का सा छुएगा। ज्‍यादातर लोग यहीं गलती करते हैं वो डंबल को पूरा नीचे नहीं ले जाते हैं।
  5. जब डंबल पीठ को छू जाए तो सांस छोड़ते हुए उसे ऊपर ले जाएं। यहां ध्‍यान रखने वाली बात ये है कि हाथ को पूरी तरह से सीधा नहीं करना। 90 फीसदी तक ही सीधा करें। हैवी डंबल से कर्ल करेंगे तो पूरा हाथ सीधा करने पर परफॉर्मेंस घट जाएगी।
  6. जिन लोगों के आर्म का साइज 16 या उससे ऊपर है उनके बाजू पूरी तरह से सीधे नहीं रह पाएंगे इसलिए जबरदस्‍ती न करें।

आमतौर पर हम सिंगल हैंड होवरहेड डंबल प्रेस करते समय जो ग्रिप बनाते हैं उसमें अंगूठा नीचे की ओर होता है और सबसे छोटी उंगली ऊपर की ओर। डंबल खड़ा रहता है पर इसमें ऐसा नहीं है।

अब आप इसका उलट कर दें। जब डंबल नीचे आएगा तो सबसे छोटी उंगली नीचे की ओर और अंगूठा ऊपर की ओर रखने की कोशिश करें। ऐसा पूरी तरह से नहीं हो पाएगा मगर डायरेक्‍शन यही रहेगी।

ऐसा करने से आपका पूरा ट्राइसेप्‍स काम करने लगेगा। अगर आमतौर पर 15 किलो का डंबल लगा लेते हैं तो इसमें आप 12 किलो ही लगा पाएंगे । इस तरह से करेंगे तो आपकी ट्राइसेप्‍स को भरावट का अहसास होगा।

जो लोग लंबे समय से जिम करते आ रहे हैं उन्‍हें कसरतों में वैरिएशन खोजना चाहिए। जैसा कि इस कसरत में खोजा गया है।

स्रोत: http://www.bodylab.in/

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