सीने की मांसपेशियां शरीर के ऊपरी भाग की सबसे बड़ी मांसपेशियां होती है, इसलिए अन्य छोटी मांसपेशियों की अपेक्षा उनसे व्यायाम की ज्यादा आवृत्तियाँकरना लाभप्रदहोता है. प्रत्येक अभ्यास में सीने की मांसपेशियों से 7 से 10 आवृत्तियाँ करना चाहिए, हांलाकिशुरुवात करने वालो को 1 आवृत्ति से प्रारंभ करना चाहिए. वैसे 12 आवृत्तियों का अर्थ यह नही है किसमान व्यायाम की 12 आवृत्ति करे, आपको 3-4 प्रकार के व्यायाम करना चाहिए. यहभी ध्यान रखे कि हर व्यायाम को आसान वार्म-अप से प्रारंभ करे.
सीने के एक अच्छे अभ्यास के 3 भाग होते है.पहलाव्यायामआकार बनाने वाला होता है जिसमे आपको अपनी क्षमता के अनुसार सर्वाधिक वजन उठाकर 6-10 नियंत्रित अभ्यास करना चाहिए. इसके लिए सर्वोत्तम व्यायाम सीधी बेंच पर प्रेसेस अथवा डम्बल है. मेरा विचार है की यदि आप अपनी मुद्रा का ध्यान रखेगे तो कभी भी गलत नही हो सकते है.
दूसरा, सीने से सम्बंधित कार्यक्रम में उपरी भाग के लिए व्यायाम आवश्यक होता है.इसमें झुकी हुए फ्लाइस, झुके हुए डम्बल दबाव अथवा झुके हुए बारबेल दबाव, यह सभी अच्छा कार्य करते है.
अंत में आपके पेच के मध्य के स्थान को वक्रित करने के लिए आर-पार गतिविधि होती है, जिसके बिना कोई भी सीने का व्यायाम पूरा नही हो सकता है. अनुभवी बॉडी बिल्डर जिनके पास पहले से ही अच्छा मांसल आधार हो वह केबल गतिविधि का भी प्रयोग कर सकते है. अन्य सभी जो कि मांसल आधार बना रहे है उनके लिए डम्बल फ्लाइस ही सर्वोत्तम है.
आवृत्तियों के लिए साधारण नियम 8 से 15 दोहराव का है, हालांकि, यदि आप अपने लिए बेंच प्रेसेस (बॉडीबिल्डिंग का सबसे पुराने तरीको में से एक) की संख्या जानना चाहते है तो आपको एक अभ्यास में सर्वोत्तम भार रखकर निर्धारित करना चाहिए. यदि आप सर्वोच्च भार के लिए अभ्यास करना चाहते है तो थोड़े वार्म-अप के अभ्यास कीजिये फिर उतरोत्तर भार बढ़ाते जाइये.
बेंच प्रेस
डम्बल प्रेस के लिए, अपने चतुष्कोण पर भार रखकर बेंच पर बैठ जाइये. पीछेकी ओर लेट जाइये तथा डम्बल को झुलाकर पीछे उस बिंदु तक ले जाइये जहाँ डम्बल आपके बाहरी अंसपेशियों को छूले. भार को ऊपर की ओर उठाइए, उन्हेंगतिविधि के ऊपर की ओर थोडा नजदीक लाइए.भार को धीरे धीरे वापस नीचे की ओर लाइए. ऊपर ले जाने के समय से नीचेलाने में दुगना समय लगाइए. गतिविधि को दोहराइए.
दंड प्रेस के लिए, पीठ के बल सपाट बेंच पर लेट जाइये, दोनों पैरो को जमीन पर सपाट रखिये.दोनों हाथो से दंड को अपने कंधो की चौड़ाई से थोडा अधिक खोलकर पकड़िये. दंड को हाथ सीधे करके अपने सीने के ऊपरी भाग की सीध में पकड़िये. कोहनी को मोड़िये, दंड को धीरे धीरे सीने की ओर बिना छुए लाइए. फिर दंड को सीधा ऊपर की ओर ले जाइये, हाथ सीधे कीजिये, कोहनी को सीधा रखिये.दंड को नीचे लाकर धीरे धीरे गतिविधि को दोहराइए. गतिविधि के प्रारंभ तथा अंत में दंड पकड़ने के लिए सहायक की मदद ले.
टिप्पणी
आप दोनों अभ्यास का सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए दंड और डम्बल के बीच बारी-बारी से अभ्यास कर सकते है. यदि आपको सामंजस्य में परेशानी हो तो दंड का प्रयोग करे.दंड आपके हाथो को समानदूरी पर बनाये रखता है तथा आपके हाथो कोसमान दिशा में जाने के लिए बाध्य करता है.दंड को सीधा रखकर आप बल को समान रूप से बाँट सकते है जिससे कमजोर हिस्से को पकड बनाने की छूट मिलती है.
झुकी हुई बेंच पर प्रेस
डम्बल के लिए, झुकी हुई बेंच पर 40 डिग्री को समकोण बनाकर लेट जाइये, डम्बल आपके कंधो की चौड़ाई से अधिक चौड़े नही होना चाहिए, डम्बल को हाथ से ऊपर कीओर से पकड़िये. अपने पैरो को जमीन पर सपाट रखे तथा अपनी पीठ को सीधा रखे. अब गति के लिए, ऊपरछत की ओर धीरे से दबाव डालिए जब तक कि आपके हाथ सीधे ना हो जाये, रुकिए, तथा फिर डम्बल को धीरे धीरे निचे कीजिये जब तक कि वह आपके सीने के स्तर तक नही पहुच जाये. गतिविधि को दोहराइए. दंड के लिए, बेंच पर 40 डिग्री के कोण पर लेट जाइये, अपनासिर और पीठ बेंच पर रखिये तथा अपने पैर जमीन पर सपाट रखिये.दंड को अपने कंधो की चौड़ाई से थोडा अधिक हाथ खोलकर पकड़िये. दंड को अपनी छाती के उपरी भाग के ऊपर रखिये, हाथो को सीधा रखिये. अपनी कोहनी को मोड़कर दंड को सीने की ओर लाइए जब तक कि वहहल्के से स्पर्श ना करे. दंड को सीने की सीध में ऊपर की ओर दबाइए जब तक कि आपकी भुजाये तथाकोहनीसीधी ना हो जाये. धीरे धीरे दंड को निचे लाकर गतिविधि को दोहराइए. अपनी गतिविधि के प्रारंभ तथा अंत में दंड पकड़ने के लिए सहायक का उपयोग करे.
टिप्पणी
यह व्यायाम ऊपरी अंसपेशी के लिए है.
लेटी हुई बेंच पर प्रेस
लेटी हुए बेंच पर पीठ रखकर लेट जाइये.दंड को अपने कंधो की चौड़ाई से थोडा अधिक हाथ खोलकर पकड़िये. दंड को अपनी छाती के निचले भाग के ऊपर रखिये, हाथो को सीधा रखिये. अपनी कोहनी को मोड़कर दंड को सीने के निचले भाग की ओर अंसपेशी के स्तर तक लाइए. दंड को सीधे ऊपर की ओर धकेलिए, धीरे धीरे नीचे लाकर गतिविधि को दोहराइए. अपनी गतिविधि के प्रारंभ तथा अंत में दंड पकड़ने के लिए सहायक का उपयोग करे.
टिप्पणी
लेटी हुए बेंच दबाव अधिकांशतः आपके निचले अंसपेशी के लिए कार्य करता है. यह व्यायाम सम्पूर्ण सीने के अभ्यास के लिए अनिवार्य नही है. अधिकतर बॉडी बिल्डर सीनेके निचले भाग की अपेक्षा उपरी भाग के लिए कठिन परिश्रम करते है. यह व्यायाम आपके झुके हुए और सीधे दबाव के स्थान पर विभिन्नता लेन के लिए दी गयी है. विभिन्नता कई हद तक बेहतर होती है क्योंकि यह आपकी मांसपेशियों को समान व्यायाम के अभ्यस्त होने से बचाती है.
डम्बल फ्लाइस
दोनों हाथो में डम्बल पकड़कर, अपने हाथ सीधे रखकर, हथेलियों को अन्दर की ओर रखकर बेंच पर लेट जाइये. हाथो को सीधा रखिये लेकिन कोहनी को खुला रखिये. डम्बल को धीरेधीरे दोनों तरफ बाहर की ओर वृत्ताकार में घुमाइए, सीने की मांसपेशियों में खिचाव लाइए. धीरे धीरे उसी चाप में डम्बल को ऊपर की ओर लाइए, फिर धीरे धीरे नीचे ले जाकर समान गतिविधि दोहराइए. अपने सिर और पीठ को बेंच पर सपाट रखिये. बैठकर वजन को कम कीजिये, वजन रखने के पहले घुटनों के ऊपर टिकाइए. यह सुनिश्चित करेगा कि कोई चोट नही लगे.
टिप्पणी
डम्बल फ्लाइस अधिकांशतः आपकी बाहरी अंसपेशियों पर कार्य करता है. मैअपने सीने के व्यायाम में हमेशा आर-पार की गतिविधि का प्रयोग करता हूँ, यह मुझे कठिन लगता है जिससे मेरे सीने के लिए अधिक स्पंदन प्राप्त होते है.
डिप्स
वास्तव में डिप्स के बारे में ध्यान रखने योग्य एक ही बात है कि आपको डिप्स लगते समय, अभ्यास का सम्पूर्ण लाभ लेने के लिए, पूरी तरह से नीचे जाना चाहिए. यदि आप बिना जोर दिए 10 से 15 अभ्यास कर रहे है तो संभवतः आपको अधिक प्रतिरोधकता की आवश्यकता है.इसे अपने बेल्ट में तार के साथ एक प्लेट के समान कुछ लगाकर करे या साधारण रूप से अपने पैरो के बीच डम्बल फंसाकर करे.
गतिविधि में अंसपेशी की भागीदारी बदने के लिए अपनी कोहनी को बाहर की ओर रखिये. उन्हें अन्दर की ओर सिकोड़ने से आपके ट्राइसेप को अत्यधिक भार सहन करने के लिए बाहर की ओर दबाव मिलेगा. यह आवश्यक नही है कि यह बुरा हो, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप व्यायाम सीने के लिए कर रहे है या अपने ट्राइसेप के लिए कर रहे है.
टिप्पणी
यह व्यायाम विशेष रूप से बाहरी पेशियों के लिए होता है, जिसमे ट्राइसेप पर अधिक बल दिया जाता है. अभ्यास पर ज्यादा अटल नही रहे, उसे झटके से अधिक गति में पीछे गिरकर और फिर तेज़ी से उठकर नही करे. विशेष करके रेप के उल्टे क्रम में गतिविधि को धीमा रखिये.
केबल क्रॉस-ओवर
केबल रैक के बीच में खड़े हो जाइये. सुनिश्चित कर लीजिये के दोनों सिरे ऊपरी केबल घिरनी से जुड़े हुए है. हमेशा एक पैर को दुसरे पैर से आगे रखिये. अब अपने हाथो को हल्के से मोड़िये, जब आप केबल को सीने के बीच में लायेगे तब यह सीने की मांसपेशियों से संपर्क बनाने में मदद करेगा. कभी भी इसमें आर-पार की गतिविधि का प्रयोग नही करे, यह सीने पर जोर को कम करता है. एक बार जब आप इसे धीरे धीरे ख़त्म करले तो वापस पीछे जाकर गतिविधि को दोहराइए.
अपनी कोहनी को हल्कासा मोड़िये तथा 60 डिग्री के कोण पर आगे की ओर झुकिये. अपने हाथो को शरीर के आगे तक खीचिये ताकि वह आपके सामने की ओर मिल सके.ओर अधिक जोर देने के लिए, एक हाथ को दुसरे हाथ के नीचे खिचिये तथा ऊपर जाने के बाद हाथ बदलकर यही अभ्यास कीजिये.
टिप्पणी
यह अभ्यास विशेष करके अन्दर की पेशियों के लिए किया जाता है.इस गतिविधिमें कई तरह के बदलाव किये जा सकते है. मेरे लिए उन सभी का वर्णन करना नामुमकिन है. यदि अपने पहले से ही मांसल अंसपेशिया बना रखी है तथा आप सीमा विकसित करने पर जोर दे रहे है तो आप इसके साथ कई प्रयोग कर सकते है.
मुड़ी हुई भुजा से डम्बल पुल-ओवर
एक सपाट बेंच पर पीठ के बल लेट जाइये, पैरो को दोनों ओर सपाट रखिये तथा आपके सिर को छोर पर रखिये. एक डम्बल को दोनों हाथो से पकड़िये. कोहनी को अन्दर की ओर हल्के से मोड़कर रखिये, डम्बल को ऊपर अपने सिर की ओर अर्द्ध-वृत्ताकार कोणमें उठाइए, धीरे धीरे जमीन की ओर जितना हो सके नीचे लाइए. अपने सिर को नीचे, पीठ को सीधा तथा कोहनी को मुदा हुआ रखिये, फिर डम्बल को अर्द्ध-वृत्ताकारकोण में सिर की तरफ उठाइए.
टिप्पणी
मुड़ीहुई भुजा से डम्बल पुल-ओवर सभी प्रकार से एक अच्छा व्यायाम है.
पेशियों के स्पंदन के समय सावधानियां
हमेशा याद रखिये सुरक्षा अधिक भार उठाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है. सही मात्रा में भार उठाने के साथ-साथ सीने के व्यायाम के समय निम्नलिखित सावधानियां रखनी चाहिए:
अपनी कोहनी को लॉक मत कीजिये. अन्य शब्दों में अपने हाथो को इतना सीधा नही करे की कोहनी कड़कड़ा जाये. यह कोहनी पर अत्यधिक दबाव डालता है जिससे कोहनी के जोड़ में दर्द अथवा जलन हो सकती है. जब आप अपने हाथो को सीधा करे, कोहनी को थोड़े आराम की स्थिति में रहने दे.
अपनी पीठ को नही मोड़े. अधिक भार उठाने के लिए कुछ लोग अपनी पीठ को इना अधिक मोड़ लेते है कि पीठ ओर बेंच के मध्य अधिक जगह बन जाती है. पहले या बाद में इस स्थिति से पीठ में चोट लग सकती है. साथ ही साथ सीने की मांसपेशियों पर दबाव भी नही बनता है. इसकी जगह आप अपनी पीठ के निचले भाग पर अत्याधिक जोर दे देते है.
अधिक दुरी तक खिचाव नही करे. जब आप पीठ के बल लेटकर बेंच दबाव करते है, आप दंड को अपने सीने की ओर अधिक निचे लेन का प्रयास कर सकते है. इसीप्रकार जब आप पुश-अप करते है, आप अपने शरीर को जमीन तक नेचे तक लाने का प्रयास कर सकते है. ऐसा मत कीजिये,इसप्रकारके सीने के व्यायामों के लिए दिए जाने वाले आदेशो का पालन कीजिये.