ट्राइसेप्स की 3 एक्सरसाइज जो बढ़ाएंगी साइज

अकेले बाइसेप्स के बूते बड़े आर्म नहीं बनते। डोले का साइज बनता है ट्राइसेप्स से। ट्राइसेप्स आपके आर्म का करीब 70 % होता है जबकि बाइसेप्स महज 30% होता है। अगर आपको वाकई अपने डोले का साइज बढ़ाना है तो बाइसेप्स से ज्यादा ट्राइसेप्स पर काम करना होगा।

ट्राइसेप्स की कसरतों की कोई कमी नहीं है बस हमें अपने मकसद के हिसाब से उन्हें चुनना होता है। कुछ कसरतों से साइज गेन होता है और कुछ से शेप बनती है और कुछ कसरतों से साइज और शेप दोनों मिलती है। आज हम आपको ट्राइसेप्स की वो 3 एक्सरसाइज बता रहे हैं जिनसे ट्राइसेप्स का साइज बड़ा होता है। अगर आप साइज गेन करने की कोशिश कर रहे हैं तो इन्हें अपने वर्कआउट में जरूर शामिल करें।

1 क्लोज ग्रिप बेंच प्रेस – वैसे तो ये मल्टी ज्वाइंट एक्सरसाइज है मगर इसमें ट्राइसेप्स पर भयंकर प्रेशर जाता है। इसमें आप ज्यादा से ज्यादा वेट लगा सकते हैं और वेट को ऊपर ले जाने में किसी की मदद भी आसानी से ले सकते हैं। यह कसरत खालिस ट्राइसेप्स का साइज बढ़ाने के काम आती है। इसमें नेगेटिव रैप भी काम करते हैं। क्लोज ग्रिप बेंच प्रेस में आप सुपर सेट, ड्रॉप सेट वगैरा भी आसानी से लगा सकते हैं। इस एक्सरसाइज को न तो पहली कसरत के तौर पर करें और न ही आखिरी। ट्राइसेप्स के एक दो सेट लगाने के बाद इसे करेंगे तो ज्याद आनंद आएगा। क्लोज ग्रिप बेंच सही ढंग से कैसे करें में आपको इस एक्सरसाइज के बारे में विस्तार से जानकारी मिल जाएगी।

2 ट्राएंगल पुशअप्स – ट्राइसेप्स पर पूरा प्रेशर डालने के मामले में ट्राएंगल पुशअप्स क्लोज ग्रिप बेंच प्रेस से किसी मायने में कम नहीं है। यह कसरत बॉडी वेट पर भी बहुत अच्छा असर दिखाती है। मगर मजा तब है जब आप पीठ पर वेट रख लें और अपनी हथेलियों से बिल्कुल वाजिब ट्राएंगल बनाएं। यह कसरत भी खालिस साइज की कसरत है। ट्राइसेप्स की टॉप 5 एक्सरसाइज में इसकी गिनती होती है। इस कसरत को चाहें तो सबसे आखिर में कर सकते हैं। कुछ लोग इसे वार्मअप के तौर पर बिल्कुल शुरू में भी करते हैं मगर ऐसे लोग वो होते हैं जो लंबे समय से कसरत करते आ रहे हैं। नए लोग अगर इसे शुरू में ठीक से कर लेंगे तो आगे सेट लगाना मुशिकल हो जाता है। ट्राएंगल पुशअप्स को आप इस तरह से और टफ बना सकते हैं।

3 बेंच डिप – महान बॉडी बिल्डर आर्नोल्ड की सबसे फेवरेट एक्सरसाइज में से एक है ट्राइसेप्स बेंच डिप। ट्राइसेप्स के भी मोटे तौर पर तीन हिस्से होते हैं। यह एक अकेली ऐसी कसरत है जो हर हिस्से को हिट करती है। इस कसरत की दूसरी खासियत ये है कि ट्राइसेप्स बेंच डिप साइज और शेप दोनों बनाने के काम आती है। इसे वेट के साथ करना चाहिए। इसे आसान, टफ और बहुत टफ बनाना आपके हाथ में है। बेंच डिप को अक्सर आखिर में किया जाता है। अगर आप किसी दिन बेंच डिप और ट्राएंगल पुशअप्स दोनों लगा रहे हैं तो बेंच डिप को ही आखिर में रखें। वैसे यहां कोई नियम सौ फीसदी लागू नहीं होता। बेंच डिप को और टफ बनाने का तरीका यहां मिल जाएगा।

एक बात और, ये जरूरी नहीं कि हर बार जब आप ट्राइसेप्स की कसरत करें तो इन तीनों को करें। इनमें से किन्ही दो को जरूर किया करें, जैसे इस बार आपने क्लोज ग्रिप और बेंच डिप की तो अगली बार आप ट्राएंगल पुशअप्स और क्लोज ग्रिप कर सकते हैं। उससे अगली बार आप ट्राएंगल पुशअप्स और बेंच डिप को अपने शेड्यूल में शामिल कर सकते हैं।

स्रोत: http://www.bodylab.in/

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