जिम जाने वाले लोगों को जिम की लैंग्वेज पता होनी चाहिए ताकि वो दूसरों की कही हुई बातों या बॉडी बिल्डिंग के बारे में लिए गए लेखों को समझ पाएं। लंबे समय से ट्रेनिंग कर रहे लोग तो लगभग सब जानते हैं पर नए लोग इसे भाषा से परिचित नहीं होते। आज हम जिम और जिम से जुड़े लेखों में इस्तेमाल होने वाले छोटे छोटे शब्दों से आपका इंट्रोडक्शन करा रहे हैं।चंद ऐसे शब्द होते हैं जो वही लोग समझ पाते हैं जो जिम जाते हैं और इस बात का दूसरा पहलू यह है कि जम जाने वालों को कसरत की शब्दावली की जानकारी होनी चाहिए। ताकि वो दूसरों की बताई हुई बातों या बॉडी बिल्डिंग पर छपे लेखों को ठीक ढंग से समझ पाएं।
रैप – रैप शब्द रिपीटीशन से बना है जिसका मतलब होता है दोहराना। किसी एक मूव को जितनी बार आप दोहराते हैं उसे रैप कहा जाता है। मसलन आप चेस्ट की कसरत कर रहे हैं तो जितनी बार वेट ऊपर नीचे होगा उस गिनती को रैप कहेंगे।
सेट – जिम में हम एक कसरत को केवल एक बार नहीं करते। थोड़ा सा आराम करने के बाद फिर वही कसरत करते हैं तो कोई कसरत जितनी बार की जाएगी उसे उस कसरत के सेट कहेंगे। अगर किसी ने कहा कि फ्लैट बेंच प्रेस के तीन सेट तो इसका मतलब हुआ कि आप तीन बार ये कसरत करेंगे। और हर बार तय शुदा रैप निकालें।
तो अगर कहीं ये लिखा है – बेंच प्रेस 3 गुणा 12 तो इसका मतलब हुआ कि बेंच प्रेस के तीन सेट लगाने हैं और हर सेट में 12 रैप निकालने हैं।
फ्री वेट – वो कसरतें जो डंबल, रॉड या बॉडी वेट से की जाती हैं। फ्री वेट का मतलब होता है मशीनों से फ्री। मसल्स की ग्रोथ के मामले में फ्री वेट एक्सरसाइज मशीनों के मुकाबले ज्यादा कारगर साबित होती हैं।
कार्डियो – बिना वजन या हल्के वेट के साथ ऐसी कसरतें, जिनमें बॉडी के कई पार्ट मूव करते हैं। दौड़ लगाना, रस्सा कूदना, माउंटेन क्लाइंबर, पीटी, जंपिंग वगैरा को कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाज करते हैं। इसी की शॉर्ट फॉर्म है कार्डियो।
सुपरसेट – दो कसरतें एक के बाद एक बिना रेस्ट लिए। जैसे ट्राइसेप्स का एक सेट उसके बाद बिना रेस्ट लिए बाइसेप्स का एक सेट। दोनों मिलाकर हुआ सुपरसेट। यह मसल्स ग्रोथ को बढ़ाने की एक तकनीक है। हालांकि भारत में अभी भी आमतौर पर लोग ड्रॉपसेट को सुपरसेट कहते हैं।
ड्रॉप सेट – मशीन, रॉड या डंबल में लगाए गए वेट को लगातार कम करते चलना ड्रॉप सेट कहलाता है। पूरे ड्रॉप सेट में कहीं रेस्ट नहीं होता। मसलन आपने 40 किलो से बाइसेप्स कर्ल शुरू किया। कुछ रैप निकाले फिर 10 किलो वजन कम कर दिया। फिर कुछ रैप निकाले और 10 किलो वजन कम कर दिया। इसी तरह से धीरे धीरे वेट घटाते रहे मगर रेस्ट नहीं लिया। इस तरह से एक्सरसाइज करने पर रैप की गिनती 50 या उससे भी ऊपर पहुंच जाती है। इससे मसल्स में बड़ा अच्छा पंप आ जाता है।
कंपाउंड सेट – बिना रेस्ट लिए एक ही मस्लस की दो कसरतें करना कंपाउंड सेट कहलाता है। जैसे बाइसेप्स कर्ल और बाइसेप्स डंबल कर्ल। यह सुपरसेट से अलग होता है। सुपरसेट में दो अलग अलग मसल्स ग्रुप की कसरत का सेट बिना रेस्ट लिए लगाया जाता है।
कॉम्प्लेक्स सेट – कॉम्प्लेक्स सेट में कई कसरतें एक साथ की जाती हैं। मान लें आपने बारबेल शोल्डर प्रेस की फिर उसे वेट से बेंट ओवर बारबेल रो इसके बाद फ्रंट स्क्वेट…। ये ट्रेनिंग आमतौर पर खिलाड़ी और क्रॉस फिट एथलीट करते हैं। वेट लूज करने और लीन बॉडी के शेड्यूल में भी कॉम्प्लेक्स सेट शामिल होते हैं।
बल्किंग या गेनिंग – प्रोफशनल बॉडी बिल्डिंग आमतौर पर दो फेज में चलती है। बल्किंग उर्फ गेनिंग और कटिंग। जब आप वेट बढ़ा रहे होते हैं तो उस सीजन को गेनिंग अथवा बल्किंग कहा जाता है।
कटिंग – मनचाहा वेट हासिल करने के बाद बॉडी को शेप में लाने और कट्स बनाने का काम जब शुरू होता है तो हम कहते हैं कटिंग पीरियड चल रहा है।
साइकिल – इस शब्द का इस्तेमाल स्टेरॉइड लेने वाले करते हैं। किसी स्टेरॉइड को एक तय समय तक चलाना होता है जैसे 10 सप्ताह या 12 सप्ताह। इसे ही साइकिल कहते हैं।
पीसीटी – पोस्ट साइकिल थैरेपी। स्टेरॉइड का साइकिल करने के बाद यह थैरेपी की जाती है। ताकि उससे हुए नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सके। यह शरीर के नेचुरल हार्मोंन प्रोडक्शन को पटरी पर लाने के लिए बेहद जरूरी होती है।
वाटर रिटेंशन – बॉडी में पानी (फ्लूड) जमा होना वाटर रिटेंशन कहलाता है। गेनिंग करने वाले लगभग सभी स्टेरॉइड और क्रेटीन से वाटर रिटेंशन होता है। इससे शरीर फूला फूला लगता है।
हिट – हाई इंटेसिटी ट्रेनिंग। क्रॉस फिट एथलीट और लीन बॉडी बनाने में जुटे लोग इस ट्रेनिंग को आमतौर पर करते हैं। वेट लूज करने में यह बहुत कारगर है। ये ट्रेनिंग फ्री वेट, मशीन, कार्डियो सबका मिलाजुला रूप होती है। इसमें रेस्ट का पीरियड कम होता है।
- शॉट – स्टेरॉइड के इंजेक्शन को शॉट कहा जाता है।
- डेना – डेनाबोल की टेबलेट
- डीडी– डेका ड्यूराबोलीन का इंजेक्शन
- टेस्टा – टेस्टोस्टेरोन का इंजेक्शन
- सिस्टा – सिस्टेनोन का इंजेक्शन
स्रोत: http://www.bodylab.in/