यह लेख प्रोटीन पाउडर, वेट गेनर या मास गेनर के बारे में है। हमने अक्‍सर लोगों की ये शिकायत सुनी है कि मैंने गेनर या प्रोटीन पाउडर भी लिया मगर उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा या फिर मुझे वेट गेन करना है तो कौन सा पाउडर लूं वगैरा वगैरा। आज हम आपको बताते हैं कि क्‍यूं ये पाउडर असर नहीं करते और कैसे आप इसे असर करने पर मजबूर कर सकते हैं।

1 क्‍यूं असर नहीं करते वेट गेनर, मास गेनर या प्रोटीन पाउडर – अगर आपने असली पाउडर लिया है तो वो अपना काम करेगा बशर्ते आप उसे करने दें। हमारी सबसे बड़ी गलती ये होती है कि प्रोटीन पाउडर को शरीर की रोजमर्रा की जरूरतों में ही खर्च कर देते हैं।

आपने शायद गौर किया हो तकरीबन हर डिब्‍बे के ऊपर लिखा होता है टेक इट बिटविन मिल्‍स। यानी दो भोजन के बीच में इसे लें। इसका सीधा सा मतलब होता है कि न तो पाउडर को खाली पेट लिया जाता है और न ही पाउडर लेने के बाद ज्‍यादा देर तक बिना भोजन रहते हैं। अगर खाली पेट या बिना उम्‍दा डाइट लिए प्रोटीन पाउडर या गेनर वगैरा लगेंगे तो वो मसल्‍स बनाने या गेनिंग का काम नहीं करेंगे वो आपकी भोजन की जरूरत को पूरा करने में लग जाएंगे। शरीर की आंखें नहीं होती उसे एनर्जी चाहिए आप उसे कार्ब्‍स या फैट देंगे तो वो उनसे एनर्जी लेगा आप उसे प्रोटीन देंगे तो वो उसे भी एनर्जी भी बदल देगा, जबकि प्रोटीन से आपको मसल्‍स बनाने का काम लेना चाहिए और कार्ब्‍स और फैट से अपने शरीर की एनर्जी की जरूरतों को पूरा करना चाहिए।

आपको क्‍या करना चाहिए – अगर सुबह जिम करते हैं जो जिम से पहले हमेशा उम्‍दा कार्बोहाड्रेट खाएं। आपको यह पता होना चाहिए कि जिम करने से कितनी देर पहले क्‍या खाना चाहिए। जिम के बाद आप प्रोटीन पाउडर या गेनर लें तो उसे पानी में लेने की बजाए दूध या छाछ या जूस में लें। या केले वगैरा डालकर शेक बना लेंगे तो और अच्‍छा रहेगा। इसके अलावा प्रोटीन पाउडर लेने के बाद डटकर नाश्‍ता करें। याद रखें आपको प्रोटीन पाउडर या गेनर की रक्षा करनी है उसे अकेले जंग के मैदान में कभी नहीं छोड़ना, उसके आगे सैनिक रखें शहीद होने के लिए और पीछे से भी सैनिक भेजें। वैसे तो बॉडी बिल्‍डिंग में एक वक्‍त वो भी आता है जब हमें प्रोटीन पाउडर पानी में ही लेना होता है और डाइट भी कम रखनी होती है मगर वो वक्‍त तीसरी स्‍टेज पर आता है शुरू में कतई नहीं

2 आपको यह नहीं पता कि कितना प्रोटीन चाहिए – जिन लोगों को अपनी बॉडी की प्रोटीन की जरूरत पता ही नहीं होती वो पाउडर और पैसे दोनों बर्बाद करते हैं। सीधा सा हिसाब है नॉर्मल जिम करने वाले शख्‍स को अपने बॉडी वेट के प्रतिकिलो पर एक ग्राम प्रोटीन चाहिए। बहुत दुबले पतले लोग इतने पर भी गेन कर लेते हैं। उसके आगे बढ़ने पर हमें बॉडी के प्रतिकिलो से 2 से लेकर तीन ग्राम तक प्रोटीन चाहिए होता है मगर तीन ग्राम एडवांस लेवल पर है। चाहे हम कोई भी पाउडर लें हमें ये कैलकुलेट कर लेना चाहिए कि हमारी जरूरत कितनी है और भोजन व पाउडर मिलाकर हम कितना ले रहे हैं।

3 प्रोटीन पाउडर या गेनर के भरोसे बॉडी बिल्‍डिंग करना – यह हमारी तीसरी गलती होती है। आपको पता ही होगा कि इन चीजों को फूड सप्‍लीमेंट कहा जाता है फूड नहीं। ये केवल मदद करते हैं, असली डाइट की जगह कभी नहीं ले सकते। मान लें आपकी प्रोटीन की जरूरत 150 ग्राम है तो 100 ग्राम आपको डाइट से जुटाना होगा और 50 हम प्रोटीन पाउडर से ले सकते हैं। व्‍हे प्रोटीन के बारे में सब जानें।

4 नकली प्रोटीन पाउडर – यह भी बहुत बड़ी समस्‍या है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जो सप्‍लीमेंट बाजार में 5 हजार रुपये का बिकता है वो अगर दुकानदार नकली बेचे तो उसे एक बार में दो से तीन हजार का मुनाफा हो जाता है। बॉडी बिल्‍डिंग की दुनिया में इसे डी का माल कहा जाता है। पूरा बाजार नकली सप्‍लीमेंट से भरा पड़ा है आपको पता ही है हम लोग कॉपी करने में कितने माहिर हैं। वही पैकिंग, वही लोगो वही स्‍टाइल सब हू ब हू। यूपी के गाजियाबाद में अभी एक फैक्‍टरी पकड़ी गई थी जहां तकरीबन हर ब्रांड का नकली माल तैयार होता था और वहां से जब्‍त माल इतना ज्‍यादा था कि वो महीनों कई शहरों में भरपूर सप्‍लाई कर सकते थे। न जाने कब से यह धंधा चल रहा था। कई बार तो आपके कोच भी ये पता नहीं होता कि वो आपको डी का माल दे रहा है। आप जानते हैं कि अब दुनिया में ईमान सबसे जल्‍दी बिक जाता है। कोशिश किया करें पड़ताल करने की, जितना हो सके।

क्‍या होता है मास गेनर, वेट गेनर या प्रोटीन पाउडर – ये पाउडर नेचुरल फूड को एक लंबी प्रक्रिया के दौरान प्रोसेस करके बनाए जाते हैं। इन्‍हें अलग अलग नाम इनके काम और इनमें मौजूद चीजों के आधार पर दिया जाता है। प्रोटीन पाउडर चाहे वो व्‍हे प्रोटीन हो, एग प्रोटीन या सोया, इनमें प्रोटीन कंटेंट ज्‍यादा होता है कार्ब्‍स और फैट कम। यूं समझ लें कि एक कटोरी भर कर सोयाबीन खाने से जो प्रोटीन मिलेगा उतना ही प्रोटीन आपको एक चम्‍मच पाउडर में मिल जाएगा और वो भी स्‍वाद के साथ। वेट गेनर में प्रोटीन कंटेट कम होता है इसके साथ कार्ब्‍स और फैट भी अच्‍छी खासी मात्रा में होता है। इससे आपको ढेर सारी कैलोरी मिलती है। इसमें मिठास ज्‍यादा होती है। मास गेनर, वेट गेनर और प्रोटीन पाउडर के बीच में होता है। हालांकि यह कंपनी कंपनी पर डिपेंड करता है कि वो उसमें प्रोटीन व कार्ब्‍स फैट वगैरा की क्‍या परसेंटेज रखती है।

स्रोत: http://www.bodylab.in/