Muscles का साइज बढ़ाने और गेनिंग करने के लिए हमें exercise करने के तौर तरीके बदलने होते हैं। जिन लोगों का साइज नहीं बढ़ता वो ये बात अच्छी तरह जानते हैं कि गेनिंग अपने आप में कितनी टफ चीज है। मसल्स गेन करना आपकी डाइट और एक्सरसाइज शेड्यूल पर डिपेंड करता है। इसमें भी उम्र, कितने दिनों से कसरत कर रहे हैं और अभी किस स्टेज पर हैं ये भी मायने रखता है। गेनिंग के जो नियम एक दुबले पतले आदमी पर लागू होते हैं वही नियम पांच छह साल एक्सरसाइज कर चुके और ठीक ठाक शरीर बना चुके शख्स पर लागू नहीं होते। इस लेख में हम Muscles gain करने की exercise पर बात करेंगे।

Science of fast muscles gaining (मसल्स गेनिंग का साइंस)

जैसा कि हम पहले की बता चुके हैं कि Gaining का नियम हर शख्स के लिए अलग अलग होता है। तो पहले हम दुबले पतले और ऐसे लोगों की बात करेंगे, जिन्हे जिम करते ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। दुबले पतले लोगों की राह में सबसे बड़ा रोड़ा होता है उनकी कसरत करने की जिद। वह दूसरों को देखकर कसरत करते जाते हैं। पतले होते हैं मेटाबॉलिज्म तेज होता है इसलिए एनर्जी लेवल ज्यादा होता है। वह जिम में जरूरत से ज्यादा कसरत करते हैं। इसके लिए बाकी टाइम भी काफी एक्टिव रहते हैं। यह वैसे तो बड़ी अच्छी बात है मगर fast muscles gain करने के लिहाज से ठीक नहीं है।

Workout for gaining (गेनिंग के लिए वर्कआउट)

Body बनेगी तभी जब आप उसे बनने का मौका देंगे। गेनिंग के लिए आराम बहुत जरूरी होता है। वैसे पहले हम एक्सरसाइज की बात करेंगे। अगर आप gaining करना चाहते हैं तो आप एक सप्ताह में पांच दिन से ज्यादा कसरत न करें। हर दिन किसी एक बॉडी पार्ट की एक्सराइज करें। चार एक्सराइज से ज्यादा न करें। 3-3 set और Raps की गिनती 6 से 12 के बीच रखें। 12 Reps तक ले जाने से आपके मसल्स की शेप बनेगी और 6 रैप इसलिए रखे हैं ताकि आप हैवी वेट उठा सकें।

Lift heavy

बड़े मसल्स के लिए आपको heavy weight उठाना होगा। इसलिए हमें कम रैप निकालने चाहिए। आपको कितना वेट उठाना है ये इस बात पर डिपेंड करेगा कि आपको कितने रैप निकालने हैं। जब आपको कम रैप निकालने होंगे तो आप ज्यादा वेट उठा पाएंगे। रैप की गिनती 6 से 12 रखने का यह मतलब नहीं है कि आप हल्का वेट उठा कर 12 Raps निकालें और बिना कुछ असर हुए एक set कंप्लीट कर लें। इसका मतलब ये है कि आपका पहला सेट उतने वेट से होना चाहिए कि आप फार्म को बरकरार रखते हुए 12 रैप निकाल पाएं। इसी तरह से अगला सेट और फिर आखिरी सेट होगा। जिसमें आपको 6 रैप निकालने हैं। अगर आखिरी के एक दो रैप में किसी की मदद लेनी पड़े तो भी ठीक है।

Avoid cardio

जिन लोगों को गेन करना है उन्हें पहले cardio नहीं करनी चाहिए। हां हल्का फुल्का वार्म अप कर सकते हैं ताकि मसल्स इंजरी न हो। आपको अपनी एनर्जी वेट ट्रेनिंग के लिए बचा कर रखनी है। आपकी कसरत 30 से 40 मिनट में पूरी हो जाएगी। इसके आप चाहें तो थोड़ी स्ट्रेचिंग करें वरना वो भी जरूरी नहीं है। एक्सरसाइज खत्म होने के 5 से 10 मिनट बाद व्हे प्रोटीन या वेट गेनर या मास गेनर लें। अगर आप सपलीमेंट यूज नहीं करते हैं तो कसरत के बाद प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरा नाश्ता करें।

Sleep more

अपनी डाइट में प्रोटीन और कार्ब का रेशो 1 : 4 का रखें। कार्ब वेट गेन करने में बहुत मदद करता है। अगर आप बहुत पतले हैं तो रेशो 1 : 5 का भी रख सकते हैं। कसरत आपको इतनी ही करनी है। इसके बाद कोई रनिंग वगैरा न करें। अगर बहुत मन है तो हल्की फुल्की रनिंग कर सकते हैं। बहुत गर्मी वाले जिम में कसरत न करें। भले फीस थोड़ी ज्यादा लगे मगर वेंटिलेशन वाले जिम में जाएं। गर्मी का मौसम चल रहा है तो खुद को भी ठंडा रखने की कोशिश किया करें। अगर मौका लगे तो दिन में भी सो लिया करें।

Avoid over exercise

दूसरों को देखकर exercise न करें। याद रखें आपकी बॉडी कम कसरत और हैवी कसरत से बनेगी। और हां बाइसेप्स और ट्राइसेप्स के पीछे न भागें। उसकी कसरत भी सप्ताह में एक दिन ही करें और एक साथ करें। आप बहुत दुबले पतले हैं तो दोनों पार्ट की कुल मिलाकर 5 exercise ही करें। दो बाइसेप्स की और एक ट्राइसेप्स की। इतनी बहुत है। लोग वार्म अप में भी अक्सर बाइसेप्स को ही वार्म करते हैं। पुशअप्स, हल्के वेट से लैट पुल डाउन, शोल्डर वगैरा की कसरतों से वार्म किया करें। बार बार बाइसेप्स के पीछे न पड़ें वरना उसकी ग्रोथ रुक जाएगी।

Second phase of gaining (गेनिंग का दूसरा चरण)

Do 6 exercise

अगर आपको जिम जाते एक दो साल हो गया है और बहुत दुबले पतले नहीं हैं। या फिर ऐसे लोग जो व वैसे देखने में ठीक हैं मगर अभी और गेन करना चाहते हैं उनके लिए gaining के नियम थोड़े से अलग हैं। अब आपका काम तीन से चार कसरत में नहीं चलेगा। आपको छह exercise करनी होगी। Raps की गिनती 12 से 6 ही रहेगी मगर इसमें 2 से 3 रैप का उतार चढ़ाव होता रहेगा।

Do compound sets

आपको भी सप्ताह में 5 दिन की exercise करनी होगी और हर दिन एक बॉडी पार्ट। आप अगर छह एक्सरसाइज कर रहे हैं तो एक साथ दो कसरतें कर सकते हैं बिना रेस्ट लिए। जैसे चेस्ट में आपने फ्लैट बेंच का सेट किया और तुरंत ही इंक्लाइन डंबल प्रैस का एक set लगाया। इसमें आप हैवी और लाइट वेट का कॉम्बिनेशन भी कर सकते हैं। जैसे रॉड में हैवी वेट लगाएं और डंबल प्रैस में हल्का। इससे शेप और साइज दोनों पर काम होगा।

Change workout

किसी भी एक schedule पर आंख मूंद कर नहीं चलना है थोड़ा बहुत बदलाव आपको हर बार करना चाहिए। हां इतना याद रखें कि अपनी एनर्जी वेट ट्रेनिंग में ही खपाएं। यहां भी आपको कार्डियो से बहुत प्रेम करने की जरूरत नहीं है। अगर सर्दी का मौसम है तो कसरत के बाद हल्की रनिंग किया करें। आपका कार्ब और प्रोटीन का रेशो भी 1 : 4 रहेगा। इससे ऊपर जाएंगे तो वेट gain होगा मगर muscles नहीं बनेंगे। इसलिए रेशो यही रखें।

Bottom line

Muscles gaining मसल्स की गेनिंग करनी है तो सीधा सा रूल ये याद रखें कि आपको heavy exercise करनी है मगर कम करनी है। नींद पूरी लेनी है और अपनी एनर्जी को कार्डियो वगैरा में कम से कम लगाना है। बड़े मसल्स तभी बनेंगे जब आपके माइंड को ये मैसेज जाएगा कि मौजूदा साइज से काम नहीं चलने वाला है। हैवी वेट उठाने में अगर किसी की मदद लेनी पड़े तो परहेज न करें, हालांकि चार Raps तो आपको खुद से निकालने चाहिए।

स्रोत: http://www.bodylab.in/